धनतेरस पर खरीदारी करते लोग
दीपों का पांच दिवसीय त्योहार धनतेरस आज मंगलवार से शुरू हो रहा है। धनतेरस का दिन खरीदारी के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है। खास बात यह है कि इस साल धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बन रहा है, जो कि खरीदारी के लिए काफी शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन सिर्फ नई वस्तुओं की खरीदारी ही नहीं की जाती, बल्कि दीप भी जलाए जाते हैं। धनतेरस पर नए बर्तन खरीदने की परंपरा भी है। कहा जाता है कि धन्वंतरि देव जब प्रकट हुए थे उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। इसी के बाद से उनके जन्मदिन पर नए बर्तन खरीदने का चलन शुरू हो गया। इसके साथ ही लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति सहित सोने-चांदी के आभूषण खरीदना भी शुभ माना जाता है।
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वहीं, सुंदर, मनमोहक सामानों से बाजार सज गए हैं। श्री गणेश-महालक्ष्मी के पूजन के लिए खास तरह की पूजन सामग्री भी बाजार में है। इसी दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है। बुधवार को नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) है। बृहस्पतिवार को बड़ी दीपावली, शुक्रवार को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पूजा और शनिवार को भाई-दूज का पर्व मनाया जाएगा।
13 दीपक जलाकर करें कुबेर जी का पूजन
पंडित मनमोहन डिमरी ने बताया कि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन बर्तन, चांदी के सामान की खरीदारी की जाती है। धनतेरस पर सबसे पहले 13 दीपक जलाकर कुबेरजी का पूजन करना चाहिए। कुबेर को पुष्प अर्पित कर धूप, दीप नैवैद्य से पूजन करें और ‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा’ मंत्र का जाप करें।
दीपदान करने वालों की नहीं होती अकाल मृत्यु
आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि धनतेरस के दिन बर्तन, चांदी के सामान की खरीदारी करने से घर की संपन्नता में 13 गुना वृद्धि होने की संभावना होती है। इस दिन सूखी धनिया को खरीद कर घर में रखना भी परिवार की धन संपदा में वृद्धि करता है। मान्यता के अनुसार यमराज का कहना है कि धनतेरस के दिन मेरे निमित्त दीपदान करने से मनुष्य को कभी अकाल मृत्यु का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिस घर में यह पूजन किया जाएगा उस घर पर कोई सदस्य अकाल मृत्यु का शिकार नहीं होगा।
खरीदारी के लिए दिन का मुहूर्त त्रिपुष्कर योग : सुबह 6:06 से 11:31 तक।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 बजे तक। यह मुहूर्त खरीदारी के लिए शुभ है।
विजय मुहूर्त : दोपहर 1:33 से 02:18 तक।
शाम और रात के मुहूर्त
गोधूलि मुहूर्त : शाम 5:05 से 5:29 जे तक
प्रदोष काल : 5:35 बजे से 8:11 बजे तके रहेगा। इस काल में पूजा की जा सकती है।
धनतेरस मुहूर्त शाम 6:18 से 8:11 तक। इस काल में पूजा और खरीदी दोनों हो सकती है।