People died due to bats in America
पिछले साल चमगादड़ों की वजह से पांच लोगों की मौत के बाद सी डी सी प्रमुख चिकित्सा संस्थान ने चेतावनी जारी कर दी है। बताया जा रहा है की अमेरिका में रेबीज़ खतम हो चुका है, यहां साल में दो या तीन केस ही सामने आते है लेकिन उसमे भी मौत नहीं होती है पर इन पांच मौतों कारण रेबीज बताया जा रहा है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!वैसे तो हमने सुना है की कुत्ते के कटने के बाद रेबीज होता है, पर यहां पर चमगादड़ों की बात हो रही है। आइए जानते है की रेबीज और चमगादड़ों की एक साथ क्यों बात हो रही है
सेंटर फॉर डिजिस कंट्रोल एवं प्रिवेंशन की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल जो पांच मौतें हुई उनमें से तीन लोगों की मौतें 35 दिनों के अंदर हुई। जबकि पिछले दो सालों की रिपोर्ट में रेबीज का एक भी केस नहीं आया। सी डी सी की रिपोर्ट ये भी बताती है की पिछले एक दशक में पिछले साल रेबीज की सबसे ज्यादा केसेज देखने में आए हैं। ये मौतें 28 सितंबर से 3 नवंबर के बीच हुई।
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सी डी सी की रिपोर्ट के अनुसार संक्रमण के बाद या पहले तीनों लोगों को लगने वाली वैक्सीन के लक्षण पोस्ट एक्सपोजर प्रोफाइलेक्सिस भी दिखाई नहीं दिए। लेकिन पिछले साल हुई मौतों को देखते हुए उन्होंने जागरूकता बढ़ा दी है। थोड़ी जानकारी के लिए बता दे तो रेबीज सिर्फ कुत्तों से ही नही फैलता, चमगादड़ों से भी फैलता है। रेबीज फैलाने वाले बैट्स को रेबीज बैट्स कहा जाता है।
सी डी सी की 2007 की रिपोर्ट्स चमगादड़ों के मामले कुम बताती है, वहीं 2022 और 2020 में तो कोई मामला नहीं देखा गया। लेकिन पिछले साल पांच मौत को देखकर सी डी सी ने सारे लोगों में जागरूकता बढ़ाने का फैसला किया है। रेबीज एक ऐसा वायरस है को रैबिड जानवरों के कटने या खरोंचने से फैलता है, जो हमारे नर्वस सिस्टम पर असर करता है।
रयान ने बताया की उनके पास आए हुए 70 प्रतिशत रेबीज के मामले चमगादड़ों की वजह से फैलते है, और वह इसीलिए होता है जब वह बिना दस्ताने खुले हाथों से चमगादड़ों को पकड़ लेते है। इसी बीच कई बार चमगादड़ों को सी डी सी जांच के लिए नहीं भेजा जाता है। अगर सभी लोग साथ मिलकर काम करे तो चमगादड़ों की जांच की जा सकती है और जो लोग आज पास है उन्हे भी वैक्सीन दे कर बचाया जा सकता है।
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सी डी सी ने चेतावनी देते हुए लिखा है की चमगादड़ों से दूर रहे आर अगर उन्हें यह दिखते हैं तो तत्काल स्थानीय स्वास्थ विभाग को जानकारी दे। जानकारी होते हुए भी रेबीज फैलाने वाले जीवों को हाथ न लगाएं ना ही उनके पास जाने का प्रयास करे। रेबीज से दूर रहने के लिए पालतू जानवरों को डॉक्टर के पास ले जाकर इंजेक्शन लगाएं और अगर हो सके तो खुद भी वैक्सीन ले और लोगों को भी ऐसा करने के लिए समझाएं। जंगली जानवरों से दूर रहिए उनसे भी रेबीज का खतरा हो सकता है।
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