Udaipur
क्या आप एक असाधारण पर सांस्कृतिक दौरे की तलाश में हैं? तो फिर उदयपुर आपके लिए ही है। विशिष्ट विरासत से लेकर शांत झीलों, मुंह में पानी लाने वाले व्यंजनों से लेकर एंटीक आर्टिफैक्ट्स की खरीदारी तक, उदयपुर हर यात्री को लुभाता है।
उदयपुर अविश्वसनीय रूप से शानदार होने के कारण आपकी छुट्टियों को सबसे यादगार बना सकता है। मैं आपके लिए उदयपुर की कुछ ख़ास और हमेशा के लिए आपके मन पर एक छाप छोड़ देने वाली जगह की लिस्ट लाया हूँ। तो चलिए फिर
सिटी पैलेस: राजस्थान का स्थापत्य चमत्कार
सिटी पैलेस उदयपुर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक है। सूंदर पिछोला झील और प्राकृतिक वातावरण के आसपास बसा, यह उदयपुर की सुंदरता में चार चाँद लगता है और आपके आँखों को सुकून देता है।
इसके अलावा, यहाँ की मंत्रमुग्ध कर देने वाली वास्तुकला, उद्यान, गलियारा, राजपूत कला और संग्रहालय आपको राजा-महाराजा के युग में वापस ले जाएगा। महल का भव्य नजारा और यहाँ का पारंपरिक स्पर्श इसे यादगार छुट्टी बिताने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
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जयसमंद झील: ताज़गी भरा एहसास
अब तक आप राजस्थान के कई किलों की सैर कर चुके होंगे। वहाँ के ऐतिहासिक किलों में नाचते मोर और वहाँ के रेगिस्तान के आपने भरपूर मज़े लिए होंगे। पर क्या आपको पता है कि, राजस्थान में एक विशाल झील भी है। नहीं पता? तो चलिए कोई बात नहीं, आज हम आपको उसी झील की यात्रा पर लिए चलते हैं,
जयसमंद झील, राजस्थान की सबसे बड़ी झील और एशिया के दूसरे नंबर की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। महाराजा जय सिंह द्वारा बनवाई गयी इस झील के किनारे निर्मित संगमरमर की छतरियाँ इस झील की खूबसूरती पर चार चाँद लगाते हैं।
कहा जाता है कि गर्मी के मौसम में महारानियाँ यहीं आकर रहती थीं। झील के किनारे ही एक वन्यजीव अभ्यारण्य भी है, जहाँ वन्यजीवों का खुला विचरण यहाँ आए पर्यटकों को और उत्साहित करता है।
लेक पैलेस: वास्तुकला का मास्टरपीस
लेक पैलेस रॉयल लक्ज़री सुंदरता का दूसरा नाम है। इसके अलावा, आप शाही अनुभव का स्वाद लेने के लिए यहां एक शानदार स्टे बुक कर सकते हैं।
यह दुनिया में सबसे उत्तम महलों में गिना जाता है। महल के कमरे गुलाबी पत्थर, पुते शीशे, मेहराब, और हरे कमल के पत्ते के साथ सजे हैं। कुश महल बड़ा महल, ढोला महल, फूल महल, और अज्जन निवास जैसे कई अपार्टमेंट हैं। महल में उपलब्ध सुविधाओं में एक बार, एक स्विमिंग पूल, और एक कॉन्फ्रेंस हॉल शामिल हैं।
उदयपुर में हनीमून का प्लान करने वालों के लिए ये नंबर एक जगह है। संगमरमर का महल अपनी शाही आभा के साथ आपके ठहरने को अति-रोमांटिक बना देगा।
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सहेलियों की बाड़ी: फुव्वारों से भरा बगीचा
सहेलियों की बाड़ी, जिसका अर्थ है ‘सम्मान की नौकरानियों के गार्डन’, महाराणा संग्राम सिंह द्वारा शाही महिलाओं के लिए 18 वीं सदी में बनाया गया था। यह कहा जाता है कि राजा ने इस सूंदर उद्यान को स्वयं तैयार किया था और अपनी रानी को भेंट किया था।
उद्यान के मुख्य आकर्षण फव्वारे हैं, जो इंग्लैंड से आयात किए गए हैं। सभी फव्वारे पक्षियों के चोंच से पानी निकलते हुये बने हैं। फव्वारे के चारों ओर काले पत्थर का बना रास्ता है।
मनमोहक मनीकृत उद्यान, ऊंचे पेड़, कमल का तालाब और यहाँ के फव्वारे आपकी पॉजिटिव ऊर्जा को बड़ा देतें है। इसके अलावा, विभिन्न फूलों की क्यारियों की मनमोहक सुगंध इस दुनिया से बाहर की हो ऐसी लगती है।आप जब भी यहाँ आएंगे तो आप अपने दिल में एक जादुई खिंचाव का अनुभव करेंगे।
एकलिंगजी मंदिर: एक दिव्य एहसास
एकलिंगजी मंदिर उदयपुर के सबसे लोकप्रिय और प्राचीन धार्मिक केन्द्रों में से एक है जो मुख्य शहर से लगभग 24 किमी की दूरी पर स्थित है।
मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है, और यह माना जाता है कि आचार्य विश्वस्वरूपा ने इसे 734 ई. में निर्मित किया। लगभग 2500 वर्ग फुट के एक क्षेत्र में फैले इस मंदिर परिसर में 108 मंदिर हैं। एकलिंगजी मंदिर में भगवान के नाम का जप करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
अगर आप उदयपुर घूमने के लिए परिवार या फ्रेंड्स के साथ जा रहे हैं, इस मंदिर का दर्शन और घूमने के लिए शाम के समय पहुंचना चाहिए। क्योंकि, शाम के समय लाइट्स की चमक में मंदिर को देखते ही बनता है। वैसे तो आप प्रतिदिन सुबह 5 बजे से लेकर शाम के 7 बजे के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं। एकलिंगजी मंदिर में प्रवेश और एकलिंग जी के दर्शन के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।
सज्जनगढ़ पैलेस: एक प्राचीन विरासत
सज्जनगढ़ जिसे ‘मानसून पैलेस’ के रूप में भी जाना जाता है, उदयपुर की एक अद्भुत महलनुमा इमारत है। महल अरावली रेंज के बंसदारा चोटी पर समुद्र स्तर से 944 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह सुंदर महल सफेद संगमरमर से निर्मित है। यात्री इस जगह से पिछोला झील और आसपास के ग्रामीण इलाकों के अद्भुत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
यह नौ मंजिला इमारत खगोलीय केंद्र के रूप में कार्य करती थी जिसको राजा मानसून के बादलों पर नजर रखने के लिए प्रयोग करते थे। हालांकि, उनकी असामयिक मृत्यु के कारण महल का निर्माण रूक गया। बाद में, उनके उत्तराधिकारी महाराणा फतेह सिंह ने महल के निर्माण का कार्य पूरा किया।
बड़ा महल: कारीगरी का अद्भुत नमूना
उदयपुर का एक और वास्तुशिल्प आश्चर्य आकर्षक बड़ा महल है। महल की संरचना अपने आप में उत्कृष्ट से भी परे है। मुगल और राजपूत वास्तुकला के मिश्रण से बना यह महल आपको वास्तुशिल्प की गहराईओं तक का दर्शन करा देगा। हम शर्त लगाते हैं कि आप इसकी सुंदरता का मिलान किसी और वास्तुशिल्प कला से नहीं कर सकते।
राजपूत व मुगल वास्तुकला द्वारा बना ये महल वो हिस्सा है जो मुख्य रूप से आदमियों के लिए बना है। चारों ओर से सुंदर बगीचे से सजा महल वातावरण को शोभित कर देता है। राजस्थान के ऐतिहासिक महलों में शामिल यह महल अपनी प्राचीनता को बनाए रखते हुए भी आज एक आकर्षक दर्शनीय स्थल है। इसके सुंदर बगीचों के वजह से इसको गार्डन पैलेस भी कहा जाता है।
जैसे ही आप इसमें कदम रखेंगे, आपको इसके आकर्षण का पता चल जाएगा। उत्कृष्ट स्तंभ, जटिल नक्काशी, मनीकृत उद्यान और शाही लिबास सभी विसिटोर्स को आकर्षित करते है।
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अंबरी घाट: प्यार और धर्म का अद्भुत संगम
उदयपुर का सबसे चर्चित घाट जिसे मंझी घाट भी कहा जाता है। सुबह-सुबह यहाँ आपको स्थानीय लोग योगा करते व स्नान करते हुए दिखेंगे। सिर्फ स्थानीय लोग ही यहाँ पर्यटकों का भी खूब आना-जाना होता है। शाम के वक्त आप यहाँ बैठकर शहर की टिमटिमाती लाईटों को देखकर अपनी शाम को खूबसूरत बना सकते हैं। आरती का मधुर स्वर वातावरण को धार्मिक बना देता है।
यदि आप घाट के धार्मिक पक्ष को देखना चाहते हैं तो आप सुबह और शाम आरती के दर्शन कर सकते हैं, नहीं तो दिन भर यहाँ लव बर्ड्स का ताँता लगा रहता है। यहाँ का विचित्र वातावरण और प्रकृति के साथ ऐसा करीबी रिश्ता आपको तरोताजा और स्तब्ध कर देगा। इस प्रकार, यह ध्यान और योग करने के लिए भी एक उत्कृष्ट स्थान है।
शिल्पग्राम: ग्रामीण कलाओं की आर्ट गैलरी
यदि आप ग्रामीण कला और उदयपुर की विशिष्ट शिल्प कौशल के बारें में और जानना चाहते हैं, तो शिपग्राम प्रमुख स्थान है। उदयपुर के पशिचम में लगभग तीन किलोमीटर दूर गांव हवाला में केन्द्र का ग्रामीण शिल्प एवं लोक कला परिसर शिल्पग्राम स्थित है।
लगभग 70 एकर्स भूमि क्षेत्र में फैला तथा अरावली पर्वतमालाओं के मध्य में बना शिल्पग्राम पशिचम क्षेत्र के ग्रामीण तथा आदिम संस्कृति एवं जीवन शैली को दर्शाने वाला एक जीवन्त संग्रहालय है।
हर साल, गांव कई थियेटर के त्यौहारों की मेजबानी करता है जहां भारत के विभिन्न राज्यों से लोग आते हैं और भाग लेते हैं। ग्रामीण कला और शिल्प परिसर यहाँ 70 एकड़ जमीन के एक बड़े क्षेत्र में फैला अखाड़ा है। कलाकार और कारीगर शिल्प दर्शन में अपने काम को प्रदर्शित करते हैं। इस मेले में, वे अपने काम को ग्राहकों को बेचते भी हैं।